श्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। इस समय तक कोरोना संक्रमण संकट का भय सम्पूर्ण प्रदेश में व्याप्त था। श्री चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस भय को दूर कर जनता में विश्वास पैदा करने और व्यवस्थाऍं बहाल करने की थी। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संक्रमण से बचने के लिये सावधानियां अपनाने के लिये तैयार कराना सबसे बड़ा काम था। साथ ही, स्वास्थ्य अमले को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना भी मुख्य लक्ष्य था। प्रदेश में टेस्टिंग किट, लैब सुविधा, चिकित्सकों, मरीजों और उनके परिवार की सुरक्षा के लिये पर्याप्त उपकरण, मास्क, पीपीई किट आदि सीमित थे। कोरोना संक्रमण के संभावित और प्रभावित मरीजों की देखरेख के लिये नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण और तकनीकी साधन उपलब्ध कराना जरूरी था।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वीकार की कोरोना को हराने की चुनौती